आज है धनतेरस का पावन पर्व। ये पर्व धन और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं, इस साल धनतेरस के दिन बेहद ही दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस साल धनतेरस पर पांच योगों का शुभ संयोग बन रहा है। आज प्रीति, शुभ कर्तरी, सुमुख, सरल और अमृत योग का शुभ संयोग बना रहा है, जिसमें पूजा और खरीदारी करना फलदायक रहेगा। इसलिए आइए जानते हैं पूजा-खरीदारी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-
लक्ष्मी-कुबेर पूजा मुहूर्त
धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धन्वंतरि और और कुबेर जी की पूजा करने का खास महत्व माना जाता है। इसलिए धनतेरस पर संध्या पूजन का उत्तम मुहूर्त 5:47 से शाम 7:45 तक रहने वाला है।
पूजा-विधि
1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
2- माता लक्ष्मी और कुबेर जी का जलाभिषेक करें
3- लक्ष्मी मां का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
4- अब माता को लाल चंदन और लाल पुष्प अर्पित करें
5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
6- श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें
7- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी और कुबेर जी की आरती करें
8- माता को खीर का भोग लगाएं
9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
10- आज लक्ष्मी नारायण जी की पूजा साथ में करनी चाहिए
धनतेरस शुभ मुहूर्त
अति शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल, शाम 5:16-7:54
शुभ चौघड़िया मुहूर्त- (10 नवंबर)
अपराह्न मुहूर्त (चर)- 3:56 से 5:18 बजे
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 12:35 से 1:12 बजे
रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 8:34 से 10:12 बजे
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- 11:50 से 4:44 बजे (11 नवंबर)
धनत्रयोदशी में व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त- (11 नवंबर)
सुबह मुहूर्त (शुभ)- 7:44 से 9:06 बजे
अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- 11:50 से 1:57 बजे
धनतेरस पूजन शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल शाम 5:18 से 7:55
वृषभ लग्न- शाम 5:35-7:32 बजे तक