आयुर्वेद में काफी सारी रोजमर्रा की रसोई की चीजों के फायदे बताए गए हैं। लेकिन एक औषधि जो काफी सारी बीमारियों पर असर दिखाती है वो है त्रिफला। तीन फलों को मिलाकर बनी ये आयुर्वेदिक दवा के काफी सारे फायदे हैं। जिन्हें जानने के बाद आप भी इसे जरूर आजमाना चाहेंगे। त्रिफला को बनाने के लिए तीन फलों आंवला, हरीतिका यानी हर्र और बीभितिका यानी बहेड़ा को मिलाकर बनाई जाती है। आयुर्वेद में इस औषधि के काफी सारे फायदे बताये गए हैं। तो चलिए जानें त्रिफला चूर्ण को खाने के फायदे।
पाचनशक्ति को मजबूत बनाता है
त्रिफला को अगर नियमित रूप से खाया जाए तो ये भूख को कंट्रोल करने के साथ ही एसिडिटी को सही करता है। त्रिफला में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। साथ ही ये बॉडी को डिटॉक्स भी करता है। त्रिफला खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है और डाइजेशन ट्रैक साफ होता है।
हार्मोंस की समस्या करता है सही
त्रिफला चूर्ण को अगर नियमित रूप से खाया जाए तो ये हार्मोंस की दिक्कत को ठीक करता है। इसके अलावा आयुर्वेद में बताए गए वात, पित्त और कफ को भी ठीक करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाता है
आंवला में विटामिन सी काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। त्रिफला में आंवला का भी खास महत्व होता है। इसी वजह से त्रिफला खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
दिल की बीमारी के लिए फायदेमंद है त्रिफला
त्रिफला को केवल डाइजेशन और इम्यूनिटी के लिए ही नहीं बल्कि दिल की सेहत के लिए भी फायदेमंद माना गया है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ने से रोकता है। साथ ही लिवर की समस्याओं में भी त्रिफला आराम पहुंचाता है।
ब्लड को करता है प्यूरीफाई
त्रिफला गंदे खून को साफ करने में भी मदद करता है।
वजन कंट्रोल करने में मदद
त्रिफला के तत्व मेटाबॉलिज्म को भी सही करते हैं। साथ ही शरीर के एक्स्ट्रा फैट को बाहर निकालने में मदद करता है। इसी वजह से ये वजन को भी बढ़ने से रोकता है।