नीतीश कुमार की सिर्फ जुबान नहीं फिसली, ‘सुशासन बाबू’ की छवि को भी लग सकता है झटका

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर कहते थे कि अगर उन्हें सीएम के रूप में अपनी उपलब्धियों को एक फ्रेम में दिखाना है तो वह “साइकिल से स्कूल जाती लड़कियों का एक स्केच” बनाएंगे। अपने पहले कार्यकाल (2005-2010) के दौरान उनके द्वारा घोषित कक्षा 9 में प्रवेश करने वाली लड़कियों के लिए मुफ्त साइकिल योजना को पूरे देश में एक सफलता के रूप में स्वीकार किया गया। इससे लड़कियों के बीच साक्षरता दर में सुधार हुआ। यह शोध अध्ययन का विषय बन गया। हालांकि मंगलवार की घटना के बाद जेडीयू सुप्रीमो के लिए स्थिति बदल गई है। पहले विधानसभा और फिर विधान परिषद की लाइव कार्यवाही के दौरान उन्होंने आपत्तिजनक बयान दे दिया। यह बयान महिलाओं और लड़कियों से जुड़ा हुआ था। उनके पीछे बैठे उनकी पार्टी के नेता घबरा गए, लेकिन हस्तक्षेप नहीं किया।

बीजेपी एमएलसी और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने उन्हें टोकने की कोशिश की तो नीतीश कुमार ने उन्हें चुप रहने को कहा। भाषण के वायरल होने के बाद इस मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके को लपका और चुनावी रैली के दौरान पूरे विपक्ष को निशाने पर लिया। इसके बाद नीतीश कुमार डैमेज कंट्रोल में जुट गए। उन्होंने इसे शर्मनाक बताया और सदन के बाहर और अंदर माफी मांगी।

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